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Thursday, June 24, 2010

कांग्रेस की (अ)निति:- जो हिंदुत्व की बात करेगा वो (भगवा) आतंकवादी. Hindutva Means Terrorisam..(for Congress)..???

जैसा की आप सब महानुभाव जानते है कि  पिछले 5 साल से हिन्दू आतंकवाद का नाम आपने इस "बिकाऊ मीडिया" के जरिये बार बार सुना होगा.. चाहे साध्वी प्रज्ञा हो या प्रमोद मुतालिक हो या चाहे विहिप और बजरंग दल हो. सबको एक "आतंकवादी संघठन" घोषित करने के खातिर  "तथाकथित तुरीन चमचो और सेकुलर नागों" ने एक खास वोट बैंक को खुश करने के लिए "भूख हड़ताल और आमरण अनशन" जैसे हजारों नाटक किये है...   अब एक नया मुद्दा भोली भाली (बेवकूफ) जनता के सामने आया है कि भाजपा सिर्फ कट्टर हिन्दुओं को ही चुनाव का टिकैट देती है,, ये मुद्दा कुछ सेकुलर नेताओं जरा बार-बार उठाया जा रहा है (ताकि तैमुर के वंशजों" के वोट सलामत रहे) और उसमे सबसे पहले नाम उठाया जा रहा है वो हैं " गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ". .

सेकुलर नेताओं और कठमुल्लों के निशाने पे रहने वाले "योगी आदित्यनाथ " को जब भाजपा ने चुनाव का टिकट दिया तो मानो इन "तुरीन चमचों के कलेजे पर हजारों जहरीले सांप लोट गए" क्यूंकि ये मुद्दा तथाकथित "सेकुलर नेता और तथाकथित भाजपा भक्तों को नागवार गुजरा कि हिन्दू युवा वाहिनी और हिन्दू महासभा के बैनर तले हिन्दू धर्मं का प्रचार करने वाले योगी को सांसद का टिकट दे दिया गया.  मैं इस चर्चा को जरी रखते हुए आपको सबसे पहले योगी आदित्यनाथ  का परिचय करावा देना चाहता हूँ.
"योगी आदित्यनाथ" गोरखनाथ मठ के उत्तराधिकारी है और हिन्दू युवा वाहिनी के संरक्षक हैं. इसके अलावा हिन्दू जागरण मंच, केसरिया सेना, केसरिया वाहिनी, कृष्ण सेना आदि अनेक ऐसे संगठन हैं जो उनके अग्रिम संगठन के रूप में काम करते हैं. और भी कई संगठन हैं जो समाज के अलग-अलग वर्गों को संगठित करने के क्रम में तैयार किये गए हैं, जैसे फुटपाथ पर गुजारा करने वालों को ' राम प्रकोष्ठ' के अंतर्गत और जो लकड़ी या बांस का काम करते हैं उन्हें 'बांसफोड़ हिन्दू मंच' के बैनर तले संगठित किया जा रहा है और ये बात "सेकुलर चमचों" को कभी भी मंजूर नहीं कि हिन्दुओं का भला हो और वो संघटित हो जाये क्यूंकि इनको तो एक खास वोट बैंक में ही अल्लाह , परमात्मा, और ईसाह मसीह निवास करते है..
"योगी बाबा आदित्यनाथ कि असली पूँजी और ताकत है "गोरखनाथ मठ" और वही उनका आश्रय स्थल है..जहाँ वे लोगो को धर्म और सदमार्ग पर चलने और "सर्व धर्मं संभाव" के उपदेश देते है लेकिन वो ये नहीं जानते कि कुछ खास "मुल्लों" और "तुरीन चमचों" ने उनके खिलाफ एक योजनाबद्ध तरीके से उनको  "बदनाम" करने कि मुहीम छेड़ रखी है और इसके लिए बाकायदा "बिकाऊ तुरीन पत्रकारों" के द्वारा पेड आर्टिकल लिखाये जा रहे है. चूँकि उन्होंने ये हिन्दुओं को संघटित करने कि प्रेरणा "RSS" और "विश्व हिन्दू परिषद्" से ली है इसके लिए बाकायदा बदनाम भी किया जा रहा है, (मतलब ये कि जो हिन्दुओं और हिंदुत्व कि बात करेगा वही इस कलयुगी सरकार के लिए "आतंकवादी और अलगाववादी" होगा)  योगी आदित्यनाथ का राजनीतिक प्रभाव और अंदाज़ देखकर इन "तुरीन चमचों" कि पैंट गीली और ढीली हो रही है और उनके पिछवाड़े में इस तरह खलबली मची हुई है  कि उन्होंने इस प्रभाव कि तुलना  बाल ठाकरे, शिवसेना और जर्मनी के तानाशाह हिटलर कि "स्टोर्म ट्रुपर" से करनी शुरू कर दी है.  योगी आदित्यनाथ ने उत्तरप्रदेश के हजारों बेरोजगार युवाओं को शंघटित करके उन्हें हिन्दू धर्मं के प्रचार प्रसार में लगाया और सदमार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया. चूँकि उनके पास अब युवा शक्ति के साथ हिन्दू धर्मं का एजेंडा भी है इसके लिए उनका " सर्व धर्मं सम्भाव" मिशन धीरे धीरे ही सही लेकिन फल-फूल रहा है, और ये बात "सेकुलर चमचों" के लिए किसी भी वज्रपात से कम नहीं जो दिन रात हिन्दुओं को बरगलाकर और बेरोजगार हिन्दू युवाओं का धर्मं परिवर्तन करवाकर ईसाइयत को बढ़ावा देने वाली "तुरीन देवी (सोनिया) " कि नज़रों में अपनी राजनितिक गोटियाँ फिट करने में लगे है..उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि पूर्वांचल में गरीब जनता को बरगलाकर सैंकड़ों सालों से चली आ रही उनकी राजनितिक साख को बट्टा लग जायेगा और वो जमीन में दफ़न हो जाएगी.
जाहिर है बाबा योगीनाथ  कि राजनितिक और वैचारिक साख इतनी जयादा बढ़ रही है कि "तुरीन चमचों" नींद हरम हो रही है,, ध्यान देने योग्य बात ये है कि नाथ संप्रदाय सामाजिक रूप से प्रगतिशील और समतावादी तथा धार्मिक रूप से समरस संप्रदाय है. एक ओर जहाँ वह वर्ण व्यवस्था विरोधी है वहीं दूसरी ओर वह सभी धर्मों के मानने वालों के लिए समान रूप से खुला हुआ है .अपने इसी स्वाभाव के कारण नाथ संप्रदाय निचली जातियों में अधिक लोकप्रिय है, नाथ संप्रदाय सामाजिक रूप से प्रगतिशील और समतावादी तथा धार्मिक रूप से समरस संप्रदाय था. एक ओर जहाँ वह वर्ण व्यवस्था विरोधी था वहीं दूसरी ओर वह सभी धर्मों के मानने वालों के लिए समान रूप से खुला था.अपने इसी स्वाभाव के कारण नाथ संप्रदाय निचली जातियों में अधिक लोकप्रिय है.
गोरखपुर एक शहर है जिसके मुहल्लों और बाज़ारों के नाम मुस्लिम्करण किया जा रहा है, माया बाज़ार का मियां बाजार, आर्यनगर का अलीनगर, इत्यादि, मुसलमानों ने इस बदलाव को फतवा जरी कर के सहमति दे दी लेकिन अब जाग्रत हो चुके हिन्दुओं को ये कभी भी मंजूर नहीं है और यही वैचारिक टकराव आने वाले दिनों में "सांप्रदायिक हिंसा का कारन बनेगा" (जैसा कि "सेकुलर चमचे चाहते है).  
लेकिन असल मुद्दे कि बात ये है कि हिन्दू कभी जागेगा क्या या फिर यूँही अपना विनाश होते देखता रहेगा..?? 

10 comments:

  1. प्रिय मित्र, सबसे पहले तो आप अपना नाम बताइए,, आप पर्दे के पिछे रहकर अपना ब्लॉग क्यू लिख रहे है.? क्या आप नही चाहते की आपके काम का क्रेडिट आपको दिया जाए...
    -
    आपने फिर एक जवालंत मुद्दे को उठाने की कोशिश की है, ये सच है आज हिंदू धर्म पर संकट के काले बदल छाए हुए है,, अब हिंदुओं को एक साथ मिलकर अपने आप को संघटित करना होगा, इसी मे हिंदू धर्म की भलाई है.. आप ऐसे ही लिखते रहिए, कभी ना कभी तो लोगों पर असर होगा ही...

    साधुवाद,
    --- विजय गोयल..
    ARIHANT FOUNDATION..

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  2. सही लिखा आपने....हिन्दू हित की बात करना साम्प्रदायिक होने का सबसे बड़ा प्रमाणपत्र है......चिन्ता ना करें, हमें हमारा ध्येयपथ पता है.... हमें शर्मनिरपेक्ष अतिवादी उन्मादी कलमघिस्सु लोग, तथा बेपेंदी के लोटे के समान वाले भांड व पाखंडी धर्मनिरपेक्ष नेताओं से कोई तगमा नहीं चाहिए....
    "परं वैभवन्नेतुम्‌ एतत्‌ स्वराष्ट्रं ॥"- यही है हमारा ध्येय....

    (आपसे एक अनुनय है, पोस्ट प्रकाशित करने से पूर्व टंकण अथवा वर्तनी संबंधी त्रुटियों को सुधार लें, त्रुटियां पोस्ट की महत्ता को थोड़ा हल्का कर देती हैं.)

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  3. दिवाकर साहब,

    आपका आदेश सर आँखों पर, आगे से जरूर ध्यान रहूँगा.. और कोशिश करूँगा कि आगे से ये अशुद्धि न हो..

    फिर अभी तो ब्लॉग जगत में बच्चा हूँ, आप जैसे बड़ो का मार्गदर्शन मिलता रहा तो बहुत कुछ सीख जायेंगे..

    टिपियाने के लिए धन्यवाद,

    Hindutva aur Rasthravaad.

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  4. सिहड रे सागै सो लेवे,वा कुंख मिलि कद स्यालि नै

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  5. हमें ब्लोगर को हथियार क़े रूप में प्रयोग करना है
    लड़ाई बहुत लम्बी है धर्य पुर्बक लड़नी है आप बहुत अच्छा कर रहे है
    इस समय राष्ट्रबादी बिचार क़े लिखने वालो कि संख्या बध रही है
    इस पोस्ट क़े लिए धन्यवाद.

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  6. jab tum hinduo ko musalmano se itni nafrat hai to hamara diya hua tumhare dharam ka naam [hindu]ko kiyun nahi chodte

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  7. AAP LOG ISLAM KE KHILAF JITNA LIKHEN GE UTNI HI UNMEN UNITY PAIDA HOGI KATTAR(VIDESHI ORIGIN WALE)MUSALMAN TO YAHI CHAHTE BHI HAIN. KYON KI INDIAN ORIGIN WALE( 80%)MUSALMAN AB UNKE PHANDE SE NIKALNE KO PHAD PHADA RAHE HAIN MAGAR AAP LOGON KE ZARIYE KUL MUSALMANON KO BABAR KI AULAAD KAH DENE KI WAJAH SE KATTAR MUSALMAAN PHIR UNKI PANAH MEN JAANE KE LIYE MAZBOOR HO JATA HAI. JAMIA MILLIA UNIVERSITY KO MINORITY CHARACTOR MILTE HI IN KATTAR VIDESHI ORIGIN KE MUSALMANON NE S/T QUOTA KHATAM KAR KE UNKE ADMISSION KI RAAH BAND KAR DI.AAP LOG IN DESHI MUSALMANON KI MADAT KYON NAHEEN KARTE HAIN ?

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  8. "KATTAR MUSALMAN" PHIR UNKI PANAAH .....KI JAGAH " DESHI MUSALMAAN "

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  9. AAP LOGON KO MAALOOM HONA CHAHIYE KI JAMIA MILLIYA UNIVERSITY DELHI MEN SHEDULED TRIBES QUOTA KE TAHAT JAMMU-KASHMIR AUR HIMANCHAL DESHBHAKT GUJJAR MUSALMAN BACHCHE BHI IS UNIVERSITY MEN RESERVATION PA JATE THE MAGAR MINORITY CHARACTER MILTE HI S/T MUSALMANON KE DAKHILE BAND HO GAYE,KYON KI UNKA QUOTA O.B.C. MEN MERGE KAR DIYA GAYA.YE TRIBAL MUSALMAN NA TO 40% GENERAL(VIDESHI ORIGIN)MUSALMANON SE COMPETETION KAR SAKTE HAI AUR NA HI O.B.C. MUSLIMS SE HI.AAP LOG J&K AUR HIMANCHAL KE DESH BHAKT GUJARON KI MADAT KYO NAHEEN KATE HAIN?

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