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Saturday, July 10, 2010

"खाप पंचायते" हिन्दू समाज व्यवस्था की "रक्षक या भक्षक"..???

आज कल दम तोड़ते प्रिंट  और  इलेक्ट्रोनिक मीडिया को एक नयी संजीवनी मिली है..और वो संजीवनी है "खाप पंचायत". हर छोटा हो या बड़ा.. बिकाऊ हो या कमाऊ , सभी चैनल पर " खाप पंचायत" को लेकर  "चर्चा में, टक्कर, खुली आवाज़, आमने सामने"  जैसे अनेक प्रोग्राम प्रसारित किये जा रहे है.. सभी चैनल वाले  "कुछ सामाजिक विशेषज्ञों (?) और कुछ चिन्तक शुतुरमुर्गों" को अपने प्रोग्राम में बुलाकर बड़े बड़े दावे किये जा रहे है.. लेकिन मीडिया की इस आपाधापी में असल मुद्दा कही पीछे छुटता जा रहा है.. और वो मुद्दा है...

क्या खाप पंचायते हिन्दू सामाजिक व्यवस्था के लिए खतरा  है या नहीं...????
इस मुद्दे को समझने के लिए आपको पहले "खाप पंचायतों" के बारे में बता देता हूँ...
खाप या सर्वखाप एक सामाजिक प्रशासन की पद्धति है जो भारत के उत्तर पश्चिमी प्रदेशों यथा राजस्थान, हरियाणा, पंजाब एवं उत्तर प्रदेश में अति प्राचीन काल से प्रचलित है। जिसमे "हरियाणा" की खाप पंचायत कड़े फैसले लेने में सबसे आगे है..
 समाज में सामाजिक व्यवस्थाओं को बनाये रखने के लिए मनमर्जी से काम करने वालों अथवा असामाजिक कार्य करने वालों को नियंत्रित किये जाने की आवश्यकता होती है, यदि ऐसा न किया जावे तो स्थापित मान्यताये, विश्वास, परम्पराए और मर्यादाएं ख़त्म हो जावेंगी और जंगल राज स्थापित हो जायेगा। मनु ने समाज पर नियंत्रण के लिए एक व्यवस्था दी। इस व्यवस्था में परिवार के मुखिया को सर्वोच्च न्यायाधीश के रूप में स्वीकार किया गया है। जिसकी सहायता से प्रबुद्ध व्यक्तियों की एक पंचायत होती थी। जाट समाज में यह न्याय व्यवस्था आज भी प्रचलन में है। इसी अधार पर बाद में ग्राम पंचायत का जन्म हुआ.
जब अनेक गाँव इकट्ठे होकर पारस्परिक लेन-देन का सम्बन्ध बना लेते हैं तथा एक दूसरे के साथ सुख-दुःख में साथ देने लगते हैं तब इन गांवों को मिलकर एक नया समुदाय जन्म लेता है जिसे जाटू भाषा में गावड़ कहा जाता है। यदि कोई मसला गाँव-समाज से न सुलझे तब स्थानीय चौधरी अथवा प्रबुद्ध व्यक्ति गावड़ को इकठ्ठा कर उनके सामने उस मसले को रखा जाता है। प्रचलित भाषा में इसे गावड़ पंचायत कहा जाता है। गावड़ पंचायत में सभी सम्बंधित लोगों से पूछ ताछ कर गहन विचार विमर्श के पश्चात समस्या का हल सुनाया जाता है जिसे सर्वसम्मति से मान लिया जाता है।
जब कोई समस्या जन्म लेती है तो सर्व प्रथम सम्बंधित परिवार ही सुलझाने का प्रयास करता है। यदि परिवार के मुखिया का फैसला नहीं माना जाता है तो इस समस्या को समुदाय और ग्राम समाज की पंचायत में लाया जाता है। दोषी व्यक्ति द्वारा पंचायत फैसला नहीं माने जाने पर ग्राम पंचायत उसका हुक्का-पानी बंद करने, गाँव समाज निकला करने, लेन-देन पर रोक आदि का हुक्म करती है। यदि समस्या गोत्र से जुडी हो तो गोत्र पंचायत होती है जिसके माध्यम से दोषी को घेरा जाता है।...
खाप शब्द का विश्लेषण करें तो हम देखते हैं कि खाप दो शब्दों से मिलकर बना है । ये शब्द हैं 'ख' और 'आप'. ख का अर्थ है आकाश और आप का अर्थ है जल अर्थात ऐसा संगठन जो आकाश की तरह सर्वोपरि हो और पानी की तरह स्वच्छ, निर्मल और सब के लिए उपलब्ध अर्थात न्यायकारी हो. अब खाप एक ऐसा संगठन माना जाता है जिसमें कुछ गाँव शामिल हों, कई गोत्र के लोग शामिल हों या एक ही गोत्र के लोग शामिल हों। इनका एक ही क्षेत्र में होना जरुरी नहीं है। एक खाप के गाँव दूर-दूर भी हो सकते हैं. बड़ी खापों से निकल कर कई छोटी खापों ने भी जन्म लिया है. खाप के गाँव एक खाप से दूसरी खाप में जाने को स्वतंत्र होते हैं. इसी कारण समय के साथ खाप का स्वरुप बदलता रहा है। आज जाटों की करीब 3500  खाप अस्तित्व में हैं..

खाप पंचायतों का पौराणिक सन्दर्भ ..
रामायण काल में इतिहासकार जिसे वानर सेना कहते हैं वह सर्वखाप की पंचायत सेना ही थी जिसका नेतृत्व वीर हनुमान ने किया था और जिसका प्रमुख सलाहकार जामवंत नामक वीर था. राम और लक्ष्मन की व्यथा सुनकर हनुमान और सुग्रीव ने सर्व खाप पंचायत बुलाई थी जिसमें लंका पर चढाई करने का फैसला किया गया. उस सर्व खाप में तत्कालीन भील, कोल, किरात, वानर, रीछ, बल, रघुवंशी, सेन, जटायु आदि विभिन्न जातियों और खापों ने भाग लिया था. वानरों की बहुतायत के कारण यह वानर सेना कहलाई. इस पंचायत की अध्यक्षता महाराजा सुग्रीव ने की थी।
महाभारत काल में सर्वखाप पंचायत ने धर्म का साथ दिया था। महाभारत काल में तत्कालीन पंचायतो या गणों के प्रमुख के पद पर महाराज श्रीकृष्ण थे। श्रीकृष्ण ने कई बार पंचायतें की। युद्ध रोकने के लिए सर्व खाप पंचायत की और से संजय को कौरवों के पास भेजा, स्वयं भी पंचायत फैसले के अनुसार केवल ५ गाँव देने हेतु मनाने के लिए हस्तिनापुर कौरवों के पास गए। शकुनी, कर्ण और दुर्योधन ने पंचायत के फैसले को ताक पर रख कर ऐलान किया कि सुई की नोंक के बराबर भी जगह नहीं दी जायेगी। इसी का अंत हुआ महाभारत युद्ध के रूप में. महाभारत के भयंकर परिणाम निकले। ..

पिछले कुछ समय से मीडिया में खाप पंचायतों के  "ओनर किलिंग" और "तुगुलकी फ़रमान" सामने आ रहे है.. और मीडिया  इस बात को बड़ा चढ़ा कर पेश कर रहा है... इस बारे में अखिल भारतीय जाट महासभा के अध्यक्ष ओमप्रकाश मान कहते है कि "हम सब हिन्दू धर्मं में पैदा हुए, हिन्दू समाज व्यवस्था दुनिया के सभी समाजों में श्रेष्ठ है. लेकिन पिछले कुछ समय से जिस तरह हमारी सामाजिक व्यवस्था को छिन्न भिन्न करने कि कोशिस कि जा रही है, उस वजह से हमें कुछ कड़े फैसले लेने पड़ते है.. "ओनर किलिंग" जैसे मसले पर खाप पंचायत के बुजुर्ग कहते है कि "साहब हम भूखे रह कर दुःख भोगकर इतने कष्ट उठाकर अपनी औलाद को पालते है उसे बड़ा करते है.. अब आप ही बताइए कोई अपने कलेजे के टुकडे को कोई बिना वजह क्यूँ मरेगा..??  लेकिन हाँ हमारे समाज के आगे हमारी औलाद का कोई मोल नहीं है.. समाज है तो हम है, देश है, कानून है और कानून कि आंच पर अपनी रोटियां सेकने वाले नेता है.. और अगर कोई इस मसले पर हमें गलत बोलता है वो पहले अपने बच्चों कि आपस में शादी कर के दिखाए.. एयर कंडीशन में बैठ कर बड़ी बड़ी बातें करना आसान  है.. लेकिन यहाँ (गांवों में) अगर कोई लड़का लड़की गलत कदम उठाता है तो उसके परिवार वालों का जीना मुश्किल हो जाता है... हम समाज में रहते है और समाज से हम बाहर नहीं जा सकते.. क्यूंकि हमारी इज्जत ही हमारी सबसे बड़ी दौलत है..  

मैं इसी मसले पर "दूरदर्शन" पर एक प्रोग्राम देख रहा था जिसमे एक आदमी ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को खुली चुनौती देते हुए कहा कि " समाज में हम 5000 सालों से रह रहे है और 50 साल पहले आया कोई भी कानून हमें हमारी सामाजिक व्यवस्था कि हिफाजत करने से नहीं रोक सकता...!!!!!

मतलब साफ़ है.. हिन्दू धर्म को अब फिर से निशाना बनाया जा रहा है, और अब इन "तालिबानियों" ने इस "तुरीन सरकार" कि पहल पर एक नया जेहाद शुरू किया है और वो जेहाद है "लव जेहाद". और इस काम में बिकाऊ मीडिया इसका पूरा पूरा सहयोग भी दे रहा है.. सभी जानते है मुस्लिम समाज कि सबसे बड़ी कमजोरी यही है कि वो अपनी बहनों तक का लिहाज नहीं करते,  और वो ये चाहते है कि "हिन्दू सामाजिक व्यवस्था भी उन्ही कि तरह बेशर्म हो जाये.   क्यूंकि वो अच्छी तरह से जानते है अगर किसी कौम को ख़तम करना है तो सबसे पहले उसके "  गौरवशाली इतिहास और समाज" को खत्म कर दो वो कौम अपने आप ख़त्म हो जायेगी.. और "तुरीन सरकार" कि पहल पर यही सब हो रहा है.. कभी पहले हमारे धार्मिक आस्थाओं को, फिर हमारे गौरवशाली इतिहास को, और अब हमारी सामाजिक व्यवस्था को निशाना बनाया जा रहा है.. .
मैं निजी तौर पर खाप पंचायतों के फैसले को सही मानता हूँ, क्यंकि जब समाज ही नहीं बचेगा तो देश, कौम और कानून क्या खाक बचेगा,.!!!!!!!!!! आप कि इस मुद्दे पर क्या राय है...???
(बेबाक अपनी राय दे.. )


12 comments:

  1. @राजेन्द्र जी

    इस मुद्दे पर आपकी और मेरी राये बिलकुल विपरीत है ,मैं इन खाप पंचायतों को बिलकुल भी सही नहीं मानता हूँ और मुझे समझ नहीं आता की अगर हमें इन्ही के फैसलों पर चलना है और मानना है तो फिर हमारी न्यायव्यवस्था के अस्तित्व की क्या ज़रुरत है ?, इन स्वयंभू न्यायलयों में ही फैसला करवा लिया जाए, देश की सभी courts को बंद कर दिया जाए
    क्या एक बालिग़ लड़के और लड़की को अपना जीवनसाथी चुनने का हक नहीं होना चाहिए ? एक लड़का और एक लड़की अगर आपस में एक दुसरे को पसंद करते हैं और शादी करना चाहते हैं तो समाज को इससे क्या दिक्कत है कृपया बताने का कष्ट करें

    और जहाँ तक भाई-बहन के बीच शादी की बात है तो उसका समर्थन कोई नहीं कर रहा है , मेरे माँ-बाप के घर जन्म लेने वाली कन्या मेरी बहन हुई और साथ ही अन्य रिश्तेदारों जैसे चाचा, मामा आदि के घर जन्म लेने वाली कन्या भी मेरी बहन हुई ये बात बिलकुल ठीक है लेकिन ये क्या बात हुई की जाती या फिर एक गौत्र वाली भी आपकी बहन हुई ? क्या आपको लगता है की इन जातियों या फिर गौत्रों आदि में हिंदू समाज को बाँट कर हिन्दू समाज का भला होगा ? बल्कि इस जाती और गौत्र व्यवस्था ने ही हमारे समाज का सबसे अधिक नुक्सान किया है और हमारे समाज की एकता को भी खंडित किया है और मेरे लिए तो ये और भी दुखद बात है की ये honour killing जैसी घटनाएं और इन खाप पंचायतों का सबसे ज्यादा प्रचलन मेरे अपने राज्य हरयाणा में है .

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  2. @राजेन्द्र जी

    इस मुद्दे पर आपकी और मेरी राये बिलकुल विपरीत है ,मैं इन खाप पंचायतों को बिलकुल भी सही नहीं मानता हूँ और मुझे समझ नहीं आता की अगर हमें इन्ही के फैसलों पर चलना है और मानना है तो फिर हमारी न्यायव्यवस्था के अस्तित्व की क्या ज़रुरत है ?, इन स्वयंभू न्यायलयों में ही फैसला करवा लिया जाए, देश की सभी courts को बंद कर दिया जाए
    क्या एक बालिग़ लड़के और लड़की को अपना जीवनसाथी चुनने का हक नहीं होना चाहिए ? एक लड़का और एक लड़की अगर आपस में एक दुसरे को पसंद करते हैं और शादी करना चाहते हैं तो समाज को इससे क्या दिक्कत है कृपया बताने का कष्ट करें

    और जहाँ तक भाई-बहन के बीच शादी की बात है तो उसका समर्थन कोई नहीं कर रहा है , मेरे माँ-बाप के घर जन्म लेने वाली कन्या मेरी बहन हुई और साथ ही अन्य रिश्तेदारों जैसे चाचा, मामा आदि के घर जन्म लेने वाली कन्या भी मेरी बहन हुई ये बात बिलकुल ठीक है लेकिन ये क्या बात हुई की जाती या फिर एक गौत्र वाली भी आपकी बहन हुई ? क्या आपको लगता है की इन जातियों या फिर गौत्रों आदि में हिंदू समाज को बाँट कर हिन्दू समाज का भला होगा ? बल्कि इस जाती और गौत्र व्यवस्था ने ही हमारे समाज का सबसे अधिक नुक्सान किया है और हमारे समाज की एकता को भी खंडित किया है और मेरे लिए तो ये और भी दुखद बात है की ये honour killing जैसी घटनाएं और इन खाप पंचायतों का सबसे ज्यादा प्रचलन मेरे अपने राज्य हरयाणा में है .

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  3. @ Mahakji,

    भारत कि 70 % फीसदी आबादी आज गाँवों में निवास करती है.. और मैं खुद राजस्थान के छोटे से गाँव का बासिन्दा हूँ,, मुझे मालूम है कि जब कोई "लड़की" भागकर या अपनी मर्जी से शादी करती है.. तो उस लड़की के घर वालों पर क्या बीतती है. ये मैं आपको शब्दों में बता नहीं सकता..."सभ्य" कहे जाने वाले समाज का चेहरा उस समय उजागर हो जाता है.. हालात ये तक हो जाते है कि "लड़की" के घरवालों को सामूहिक ख़ुदकुशी करनी पड़ती है.. (ये तो रहा सामाजिक कारण.) और गौर फरमाइए कि "खाप पंचायतें" शहरों और मेट्रोस में नहीं होती..

    ____________

    अगर वैज्ञानिक तरीके से देखें तो इस बात को वैज्ञानिक मान चुके है.. कि एक ही परिवार कि गयी शादियों से होने वाले बच्चों में गुणसूत्र दोष पैदा होते है.. उनकी जेनेटिक सरंचना लगभग कमजोर हो जाती है...

    @ महक जी.. मैं सिर्फ भाई - बहन कि शादी कि खिलाफत करता हूँ, न कि अंतर्जतिये विवाह कि.. ..

    खाप पंचायतों के "ओनर किलिंग" और "तुगलकी फरमानों" कि मैं भी निंदा करता हूँ,,,


    साधुवाद -

    Hindutva aur Rashtravaad..

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  4. अत्यन्त धारदार लेख लिखा है.

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  5. Part 1of 4

    बहुत दिनों से एक विचार मेरे मन की गहराइयों में हिलोरे खा रहा था लेकिन उसे मूर्त रूप प्रदान करने के लिए आप सबका सहयोग चाहिए इसलिए उसे आप सबके समक्ष रखने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था की पता नहीं कहीं वो असफल और अस्वीकार ना हो जाए लेकिन तभी ये विचार भी आया की बिना बताये तो स्वीकार होने से रहा इसलिए बताना ही सही होगा .

    दरअसल जब भी मैं इस देश की गलत व्यवस्था के बारे में कोई भी लेख पढता हूँ, स्वयं लिखता हूँ अथवा किसी से भी चर्चा होती है तो एक अफ़सोस मन में होता है बार-2 की सिर्फ इसके विरुद्ध बोल देने से या लिख देने से क्या ये गलत व्यवस्थाएं हट जायेंगी , अगर ऐसा होना होता तो कब का हो चुका होता , हम में से हर कोई वर्तमान भ्रष्ट system से दुखी है लेकिन कोई भी इससे बेहतर सिस्टम मतलब की इसका बेहतर विकल्प नहीं सुझाता ,बस आलोचना आलोचना और आलोचना और हमारा काम ख़त्म , फिर किया क्या जाए ,क्या राजनीति ज्वाइन कर ली जाए इसे ठीक करने के लिए ,इस पर आप में से ज़्यादातर का reaction होगा राजनीति !!! ना बाबा ना !(वैसे ही प्रकाश झा की फिल्म राजनीति ने जान का डर पैदा कर दिया है राजनीति में कदम रखने वालों के लिए ) वो तो बहुत बुरी जगहं है और बुरे लोगों के लिए ही बनी है , उसमें जाकर तो अच्छे लोग भी बुरे बन जाते हैं आदि आदि ,इस पर मेरा reaction कुछ और है आपको बाद में बताऊंगा लेकिन फिलहाल तो मैं आपको ऐसा कुछ भी करने को नहीं कह रहा हूँ जिसे की आप अपनी पारिवारिक या फिर अन्य किसी मजबूरी की वजह से ना कर पाएं, मैं सिर्फ अब केवल आलोचना करने की ब्लॉग्गिंग करने से एक step और आगे जाने की बात कर रहा हूँ आप सबसे

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  6. हमारे इस common blog में प्रत्येक प्रस्ताव एक हफ्ते के अंदर अंदर पास किया जायेगा , Monday को मैं या आप में से इच्छुक व्यक्ति अपना प्रस्ताव पोस्ट के रूप में डाले ,Thursday तक उसके Plus और Minus points पर debate होगी, Friday को वोटिंग होगी और फिर Satuday को votes की गणना और प्रस्ताव को पास या फिर reject किया जाएगा वोटिंग के जरिये आये हुए नतीजों से

    आप सब गणमान्य ब्लोग्गेर्स को अगर लगता है की ऐसे कई और ब्लोग्गेर्स हैं जिनके बौधिक कौशल और तर्कों की हमारे common ब्लॉग को बहुत आवश्यकता पड़ेगी तो मुझे उनका नाम और उनका ब्लॉग adress भी अवश्य मेल करें ,मैं इस प्रस्ताव को उनके पास भी अवश्य भेजूंगा .

    तो इसलिए आप सबसे एक बार फिर निवेदन है इसमें सहयोग करने के लिए ताकि आलोचना से आगे भी कुछ किया जा सके जो की हम सबको और ज्यादा आत्मिक शान्ति प्रदान करे
    इन्ही शब्दों के साथ विदा लेता हूँ

    जय हिंद

    महक

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  7. आप सबसे यही सहयोग चाहिए की आप सब इसके मेम्बर बनें,इसे follow करें और प्रत्येक प्रस्ताव के हक में या फिर उसके विरोध में अपने तर्क प्रस्तुत करें और अपना vote दें
    जो भी लोग इसके member बनेंगे केवल वे ही इस पर अपना प्रस्ताव पोस्ट के रूप में publish कर सकते हैं जबकि वोटिंग members और followers दोनों के द्वारा की जा सकती है . आप सबको एक बात और बताना चाहूँगा की किसी भी common blog में members अधिक से अधिक सिर्फ 100 व्यक्ति ही बन सकते हैं ,हाँ followers कितने भी बन सकते हैं
    तो ये था वो सहयोग जो की मुझे आपसे चाहिए ,
    मैं ये बिलकुल नहीं कह रहा हूँ की इसके बदले आप अपने-२ ब्लोग्स लिखना छोड़ दें और सिर्फ इस पर ही अपनी पोस्ट डालें , अपने-2 ब्लोग्स लिखना आप बिलकुल जारी रखें , मैं तो सिर्फ आपसे आपका थोडा सा समय और बौद्धिक शक्ति मांग रहा हूँ हमारे देश के लिए एक बेहतर सिस्टम और न्याय व्यवस्था का खाका तैयार करने के लिए


    1. डॉ. अनवर जमाल जी
    2. सुरेश चिपलूनकर जी
    3. सतीश सक्सेना जी
    4. डॉ .अयाज़ अहमद जी
    5. प्रवीण शाह जी
    6. शाहनवाज़ भाई
    7. जीशान जैदी जी
    8. पी.सी.गोदियाल जी
    9. जय कुमार झा जी
    10.मोहम्मद उमर कैरान्वी जी
    11.असलम कासमी जी
    12.राजीव तनेजा जी
    13.देव सूफी राम कुमार बंसल जी
    14.साजिद भाई
    15.महफूज़ अली जी
    16.नवीन प्रकाश जी
    17.रवि रतलामी जी
    18.फिरदौस खान जी
    19.दिव्या जी
    20.राजेंद्र जी
    21.गौरव अग्रवाल जी
    22.अमित शर्मा जी
    23.तारकेश्वर गिरी जी

    ( और भी कोई नाम अगर हो ओर मैं भूल गया हों तो मुझे please शमां करें ओर याद दिलाएं )

    मैं इस ब्लॉग जगत में नया हूँ और अभी सिर्फ इन bloggers को ही ठीक तरह से जानता हूँ ,हालांकि इनमें से भी बहुत से ऐसे होंगे जो की मुझे अच्छे से नहीं जानते लेकिन फिर भी मैं इन सबके पास अपना ये common blog का प्रस्ताव भेजूंगा
    common blog शुरू करने के लिए और आपको उसका member बनाने के लिए मुझे आप सबकी e -mail id चाहिए जिसे की ब्लॉग की settings में डालने के बाद आपकी e -mail ids पर इस common blog के member बनने सम्बन्धी एक verification message आएगा जिसे की yes करते ही आप इसके member बन जायेंगे
    प्रत्येक व्यक्ति member बनने के बाद इसका follower भी अवश्य बने ताकि किसी member के अपना प्रस्ताव इस पर डालते ही वो सभी members तक blog update के through पहुँच जाए ,अपनी हाँ अथवा ना बताने के लिए मुझे please जल्दी से जल्दी मेरी e -mail id पर मेल करें

    mahakbhawani@gmail.com

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  8. @सभी सम्मानित एवं आदरणीय सदस्यों

    आप सबके अपने blog " blog parliament " ( जिसका की नाम अब " ब्लॉग संसद - आओ ढूंढे देश की सभी समस्याओं का निदान और करें एक सही व्यवस्था का निर्माण " कर दिया गया है ) पर पहला प्रस्ताव ब्लॉगर सुज्ञ जी के द्वारा प्रस्तुत किया गया है , अब इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर बहस शुरू हो चुकी है

    कृपया कर आप भी बहस में हिस्सा लें और इसके समर्थन या विरोध में अपनी महत्वपूर्ण राय प्रस्तुत करें ताकि एक सही अथवा गलत बिल को स्वीकार अथवा अस्वीकार किया जा सके

    धन्यवाद

    महक

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  9. @सभी सम्मानित एवं आदरणीय सदस्यों

    आप सबके अपने blog " blog parliament " ( जिसका की नाम अब " ब्लॉग संसद - आओ ढूंढे देश की सभी समस्याओं का निदान और करें एक सही व्यवस्था का निर्माण " कर दिया गया है ) पर पहला प्रस्ताव ब्लॉगर सुज्ञ जी के द्वारा प्रस्तुत किया गया है , अब इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर बहस शुरू हो चुकी है

    कृपया कर आप भी बहस में हिस्सा लें और इसके समर्थन या विरोध में अपनी महत्वपूर्ण राय प्रस्तुत करें ताकि एक सही अथवा गलत बिल को स्वीकार अथवा अस्वीकार किया जा सके

    धन्यवाद

    महक

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  10. @सभी सम्मानित एवं आदरणीय सदस्यों

    आप सबके अपने blog " blog parliament " ( जिसका की नाम अब " ब्लॉग संसद - आओ ढूंढे देश की सभी समस्याओं का निदान और करें एक सही व्यवस्था का निर्माण " कर दिया गया है ) पर पहला प्रस्ताव ब्लॉगर सुज्ञ जी के द्वारा प्रस्तुत किया गया है , अब इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर बहस शुरू हो चुकी है

    कृपया कर आप भी बहस में हिस्सा लें और इसके समर्थन या विरोध में अपनी महत्वपूर्ण राय प्रस्तुत करें ताकि एक सही अथवा गलत बिल को स्वीकार अथवा अस्वीकार किया जा सके

    धन्यवाद

    महक

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  11. बहुत प्लानिंग से हिंदुत्वा क़ा नुकसान सेकुलर,बामपंथी करना चाहते है बिना हिन्दुओ को जगाये काम नहीं चलेगा.

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  12. मित्र मैं एक हिन्दुत्ववादी हूँ तथा एक कट्टर हित्दुत्व्वादी हूँ परन्तु मैं आपके इस लेख और खप पंचायतों का विरोध करता हूँ |

    हमारे धर्मग्रंथों में कपट मुनि की अवधारणा आती है और भेद की खाल में भेड़ियों की भी | मुझे लगता है की "आप और खाप " भी उसी तरह हिन्दुओं की खाल में मुस्लिम हैं | इसी लिए तो मुस्लिम परम्पराओं की रक्षा कर रहे हैं |

    मैं अभी तक मुस्लिमों से वैचारिक युद्ध कर रहा था और मेरा यह वैचारिक संघर्ष सभी मुस्लिमों से है वो चाहें प्रत्यक्ष मुस्लिम हों या हिन्दुओं के वेश में छिपे हुए "कपट हिन्दू"|

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